आज 21 जनवरी से शुरू हो रहे नए सप्ताह में भी शेयर बाजार में बढ़त की बड़ी उम्मीद कम ही रखनी चाहिए, क्योंकि विदेशी संस्थागत निवेशक भारतीय शेयर बाजार में सस्ते में लिए गए शेयर अब बेचकर अपने घाटे को पूरा करना जारी रखेंगे।
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आज 21 जनवरी से शुरु हो रहे नए सप् ताह में भी शेयर बाजार में बढ़त की बड़ी उम् मीद कम ही रखनी चाहिए क् योंकि विदेशी संस् थागत निवेशक भारतीय शेयर बाजार में सस् ते में लिए गए शेयर अब बेचकर अपने घाटे को पूरा करना जारी रखेंगे।
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अगर इन देशों की सरकारें यूरो ज़ोन के बाहर से कर्ज ले रही हैं तो उनका मकसद ग्रीस की तरह घरेलू बजट घाटे को पूरा करना नहीं, बल्कि अपनी मुद्रा विनिमय दरों को दुरुस्त रखना है ताकि इन निजी बैंकों से यूरो में लिए गए कर्ज का बोझ विकराल न हो जाए।